प्लेन में यात्रा के दौरान कोरोना वायरस से बचने के लिए बरतें ये सावधानियां

प्लेन में यात्रा के दौरान कोरोना वायरस से बचने के लिए बरतें ये सावधानियां

सेहतराग टीम

कोरोना वायरस से मरने वालों की संख्या लगभग दोगुनी हो गयी है। जाहिर तौर पर कोरोना वायरस वुहान में अवैध रूप से बाजार में सीफूड के पर बेचे रहे वन्यजीवों के कारण फैला है। जिनमें चमगादड़ और सांप शामिल हैं। यह जानवरों से इंसानों में और इंसानों से इंसानों में फ़ैल रहा है। यह न्य वायरस सार्स की तरह ही व्यवहार कर रहा। दोनों न केवल जूनोटिक हैं बल्कि इंसानों में आने से पहले जानवरों में शुरू हुए थे। बल्कि दोनों चमगादड़ में ही शुरू हुए थे।

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हार्ट केयर फाउंडेशन के अध्यक्ष डॉ. के.के. अग्रवाल ने कोरोना वायरस के खतरे से बचने के लिए विमान में बैठने के सुरक्षित स्थान के बारे में बताया है।

  • कोरोनावायरस सार्स की तरह व्यवहार कर रहा है।
  • दोनों जूनोटिक हैं, बल्कि इंसानों में आने से पहले जानवरों में शुरू हुए थे। और दोनों चमगादड़ में शुरू हुए थे।
  • यह दोनों वायरस एक व्यक्ति से दुसरे व्यक्ति में फैलता है। वुहान से फैला यह वायरस 14 दिन में असर दिखाने लगता है। इसका सीधा सा मतलब है कि इस वायरस के लक्षण दिखाई देने से पहले एक दुसरे में फैल सकता है।
  • जब आप विमान यात्रा कर रहे हों तो सीडीसी (CDC) गाइडलाइन्स का पालन करें। किसी चीज या स्थान को छूने के बाद अपने हाथों को नियमित साबुन से या अल्कोहल-आधारित हैंड सेनिटाइज़र से धोएं। क्योंकि इस बात का सबूत है कि कोरोना वायरस अन्य बीमारियों की तुलना में स्थान या सतह पर ज्यादा समय तक रहता है। जैसे- 3 से 12 घंटे तक। अपने चेहरे को छूने से बचे खासकर उन यात्रियों के संपर्क में आने से बचे जिन्हें खांसी व जुखाम हो।
  • जब एक संक्रमित व्यक्ति खाँसताहै या छीकंता है तो वे लार व बलगम या अन्य शारीरिक तरल पदार्थ बूंदों के रूप में बहाते हैं। अगर वह बूंदे किसी व्यक्ति पर गिरती हैं या फिर कोई उन्हें छूता है या फिर फिर बात करते और आपके चेहरे को छूते हैं तो आप भी इंफेक्टेड हो सकते हैं। ये बूंदे हवा से इंफेक्टेड नहीं करती हैं बल्कि जहां वे होती हैं वहां ज्यादा इंफेक्ट करती है।
  • इन्फ्लूएंजा के लिए अस्पताल के दिशानिर्देश 10 मिनट या उससे अधिक समय तक किसी संक्रमित व्यक्ति के छह फ़ीट दूर रहने से आपके पास पहुंच सकता है। 
  • श्वसन संबंधी बीमारियां हवाई जहाज की सीटें और ट्रे टेबल से भी फैल सकते हैं।
  • श्वसन विषाणु हवा के माध्यम से छोटे कण के रूप में संचरित हो सकते है, इन शुष्क कणों को ऐरोसोल्स कहा जाता है। हालांकि यह संचरित होने का मुख्य कारण नहीं है। लंबे समय तक शुष्क रहने पर नमी की तुलना में ज्यादा संक्रमित हो सकते हैं।    
  • WHO के अनुसार दो यात्रियों एक पंक्ति में बैठने पर एक संक्रमित व्यक्ति दुसरे व्यक्ति को संक्रमित कर सकता है। क्योंकि अक्सर लोग केवल उड़ान के दौरान ही नहीं बैठते हैं। लंबी यात्रा के दौरान वे बाथरूम जाते हैं, पैरों को फैलाते हैं और खाना भी कहते हैं। 38 फीसदी यात्री अपनी सीट को एक बार छोड़ते हैं और 24 फीसदी यात्री एक बार से ज्यादा अपनी सीट को छोड़ते हैं। कभी-कभी 38 फीसदी यात्री पूरी यात्रा के दौरान एक बार भी अपनी सीट को नहीं छोड़ते हैं।
  • हमेशा विंडो सीट को चुने क्योंकि इससे संक्रमित होने की संभावना कम होती है।
  • मिडिल सीट और गलियारे की सीटों पर बैठे यात्रियों के संक्रमित होने की संभावना कम होती है। क्योंकि उनके बीच बातचीत होने की संभावना कम होती है। 
  • बीमार क्रू मेंबर भी 4.6 यात्रियों को संक्रमित कर सकता है। इसलिए संभव हो तो फ्लाइट अटेंडेंट बीमार होने पर उड़ान न भरें।

 

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